विश्व प्रसिद्ध महाकाल की सावन की सवारी निकलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। सोमवार को बाबा महाकाल मनमहेश का स्वरूप धारण कर नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के प्रारंभ होने के पहले सभा मंडप में मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा बाबा महाकाल का विशेष पूजन-वाचन किया गया। इसके बाद यह सवारी सभा मंडप से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण के लिए निकली।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकाली जा रही है। पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मंदिर के सभा मंडप में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने किया। इस अवसर पर हितानंद शर्मा, विधायक मुकेश पंड्या, महेश परमार, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजमान भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मंदिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंची। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया। सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
जनजातीय कलाकारों ने बिखेरी कला संस्कृति की छटा
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय कलाकारों के दल ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। धार जिले के जनजातीय कलाकारों ने अजय सिसौदिया के नेतृत्व में भील भगोरिया नृत्य के माध्यम से श्रद्धालुओं का मन मोहा। जनजातीय कलाकारों द्वारा ढोलकिया, पिप्री, मांदल आदि वाद्ययंत्रों के साथ आकर्षक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं। सवारी में भस्मरमैया भक्त मंडल, जय महाकाल भक्त मंडल, भस्म आरती भक्त मंडल उज्जैन, श्री महाकाल शयन आरती भक्त मंडल, श्री चैतन्य भैरव सांस्कृतिक भजन मंडली, श्री हिन्दू सेना भक्त मंडल, वीर तेजाजी भजन मंडल नीलगंगा, जय महाकाल रामायण प्रचार झांझ मंडली एवं श्री नागचंद्रेश्वर भक्त मंडल द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियों से श्रद्धालु झूम उठे।
आ रही पालकी, जय श्री महाकाल” के जयकारों के साथ सम्पूर्ण उज्जैन नगरी हुई शिवमय
“आ रही पालकी, जय श्री महाकाल की” के जयकारों के साथ श्रावण के पहले सोमवार पर भगवान की सवारी के दौरान पूरी उज्जैन नगरी शिवमय हो गई। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ उत्साहपूर्वक चले। श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी, होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट से पुन: सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस पहुंची। सवारी के आगे-आगे घुड़सवार, पुलिस बल, विभिन्न भजन मण्डलियां आदि भगवान भोलेनाथ के गुणगान एवं भजन-कीर्तन करते हुए साथ चल रहे थे।
रामघाट पर हुआ भगवान महाकाल का जलाभिषेक
भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण की पहली सवारी महाकाल मंदिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पहुंची, चारों ओर श्रद्धा और उल्लास का वातावरण छा गया। श्रावण में अपने सौन्दर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान श्री महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर थी। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पुजारी आशीष शर्मा आदि द्वारा किया गया। भगवान महाकालेश्वर मनमहेश के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए शिप्रा तट पर पहुंचे। इसके पश्चात मां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। पूजन के पश्चात पुरोहितों द्वारा रुद्रपाठ किया गया।
चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
बाबा महाकाल की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिए श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई, जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाइव प्रसारण किया गया। जिससे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन लाभ लिए।
सवारी मार्ग की प्रमुख झलकियां
- सवारी मार्ग पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल पर पुष्पवर्षा कर दर्शन लाभ लिए, सवारी मार्ग पर चहुंओर दर्शन के लिए भारी संख्या में जन-समूह उपस्थित रहा।
- सवारी मार्ग पर जगह-जगह आकर्षक रंगोली बनाकर बाबा महाकाल की सवारी का स्वागत किया गया।
- कई भक्तों ने आकर्षक स्वरूप धारण कर सवारी को शोभायमान किया।
- भजन मण्डलियों में सैंकड़ों महिलाओं ने शिव स्तुतियां की। बच्चे उत्साहपूर्वक डमरू और मजीरे बजाते हुए सवारी में आगे-आगे चले।
- विशाल ध्वज के साथ बाबा श्री महाकाल की पालकी निकाली गई।
- सम्पूर्ण सवारी मार्ग पर लगभग 3 लाख भक्तों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के श्री मनमहेश स्वरूप के दर्शन किए।